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भारत की पहली इंटरनेशनल उड़ान...Tata की जुबानी, ये अनसुनी कहानी

发表于 2023-11-29 19:33:18 来源:आज की आईपीएल मैच
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद दुनिया के तमाम देशों ने सबसे पहले ‘इंटरनेशनल फ्लाइट्स’ (International Flights) पर रोक लगाई. अब करीब 2 साल बाद भारत सरकार ने 27 मार्च से देश से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर शुरू करने का निर्णय किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश से पहली इंटरनेशनल फ्लाइट ने कब उड़ान भरी थी?भारतकीपहलीइंटरनेशनलउड़ानTataकीजुबानीयेअनसुनीकहानी कितने लोग उसमें सवार थे? उस समय कौन सा हवाई जहाज था? कहां के लिए उड़ान भरी गई थी? इन सब सवालों के जवाब शुक्रवार को Tata Group ने दिए, क्योंकि देश को पहली एयरलाइन टाटा ने ही Air India के रूप में दी थी, जो अब फिर से टाटा समूह का हिस्सा बन गई है.अगर आज की तारीख में आप लोगों से ये सवाल पूछें कि देश से पहली विदेशी उड़ान कौन सी थी, तो ज्यादातर लोग आपसे बोलेंगे कि जब जे.आर.डी. टाटा (J.R.D. Tata) के कराची से मुंबई (तब के बंबई) एक Mail Flight उड़ाकर लाए, लेकिन हम सभी भूल जाते हैं कि उस समय पाकिस्तान, भारत का हिस्सा था और कराची भी हिंदुस्तान में ही था. जे.आर.डी. टाटा भारत के पहले पायलट थे और उन्होंने ये पहली उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी थी. उन्होंने ही टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की जो बाद में Air India बन गई.तो भारत से पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान 8 जून 1948 को चली. ये फ्लाइट मिस्र के काहिरा और रोम होकर मुंबई से लंदन पहुंचने वाली थी. फ्लाइट में सवार 35 यात्री दो दिन बाद 10 मार्च को लंदन पहुंचे थे. इसमें जे.आर.डी. टाटा के साथ-साथ जामनगर के नवाब आमिर अली खान, क्रिकेटर के. एस. दिलीपसिंहजी, बंबई के कई बड़े उद्योगपति और लंदन ओलंपिक में भारत की ओर से भाग लेने जा रहे दो साइकलिस्ट एच. आर. मैल्कम और आर.आर. नोबेल शामिल थे.दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1946 में टाटा एयरलाइंस में भारत सरकार ने बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली थी और वो एक सरकारी एयरलाइंस बन चुकी थी. उसी समय इस एयरलाइंस का नाम एअर इंडिया पड़ा था.The date was June 8, 1948. History was about to be written. At 5 minutes past midnight, the Malabar Princess — bearing the Indian tricolour — took off from Mumbai for London, giving wings to Air India’s 1st international flight & India’s 1st international airline. (1/5) इस उड़ान के लिए लॉकहीड कंस्टेलेशन एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया. उन दिनों इसे ‘आकाश की रानी’ कहा जाता था. Air India ने इस विमान को मालाबार प्रिंसेस (Malabar Princess) नाम दिया था. ये उड़ान मुंबई से रात 12 बजे के बाद रवाना हुई. तब इसके पायलट के. आर. गुजदार बने थे. इसके लिए टिकट का किराया करीब 1720 रुपये था. उन दिनों अधिकतर देशों के पास अपनी इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं होती थी, लेकिन तब भारत ने ये कारनामा कर दिखाया था. इस उड़ान से पहले एअर इंडिया क्रू मेंबर्स की महीनों तक ट्रेनिंग चली और खुद जेआरडी टाटा ने इसकी निगरानी की.
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