: हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. करवा चौथ का त्योहार ऋंगार और सुहाग का दिन होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारीलड़कियां अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल 13 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवाचौथ की व्रत रखेंगी.करवा चौथ पर चंद्रमा पूजन और सोलह ऋंगार का भी विशेष महत्व बताया गया है. करवा चौथके व्रत की शुरूआत सरगी के साथ होती है. आइए जानते हैं करवा चौथ पर सरगी का महत्व और इसे खाने का शुभ मुहूर्त क्या है.करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास केकृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि गुरुवार,करवाचौथव्रतकीसरगीक्याहैजानेंइसकामहत्वऔरखानेकामुहूर्त 13 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 14 अक्टूबर को रात 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. उदिया तिथि के चलते करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.सरगी के जरिए सास अपनी बहू को सुहाग का आशीर्वाद देती है. सरगी की थाल में 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान आदि होते हैं. सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत का आरंभ किया जाता है. सास न हो तो जेठानी या बहन भी ये रस्म निभा सकती हैं. सरगी खाने के लिए भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है.करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले सुबह 4-5 बजे तक सरगी का काम पूरा कर लेना चाहिए. सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें. इससे व्रत का फल नहीं मिलता. ज्योतिषविदों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है. इस बार ब्रह्म मुहूर्त 13 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.इस साल करवा चौथ का व्रत कुछ खास योग लेकर आ रहा है. इन अबूझ योगों के चलते करवा चौथ का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. आइए जानते हैं करवा चौथ पर ये शुभ योग किस वक्त रहेंगे.- सुबह 04 बजकर 46 मिनट से सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.- दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.- शाम 4 बजकर 8 मिनट से 5 बजकर 50 मिनट तक. |