ऑफिस का काम हो या फिर पढ़ाई,देरतकबैठनेसेबढ़ताहैमौतकाखतराडेस्कपरकामकरतेवक्तनाकरेंयेगलतियां आज के समय में अधिकतर लोग लंबे समय तक कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं, जिससे कई शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं.ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई के मुताबिक, जो लोग एक दिन में 9.5 घंटे से अधिक बैठे रहते हैं, उन लोगों में मौत का खतरा बढ़ जाता है.काम या पढ़ाई के दौरान एक ही पोजिशन में काफी देर तक बैठे रहने वाले लोगों मेंपोश्चर संबंधित समस्या काफी कॉमन हो जाती है.इसके साथ ही गर्दन, पीठ, घुटने, कंधे, हिप, लोअरबैक में दर्द और अकड़न होने लगती है.देर तक बैठने से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए कुछ लोग कंफर्टेबल फर्नीचर का उपयोग करते हैं तो कुछ लोग स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई कम्यूटर पर सही तरीके या पोश्चर से बैठता है तो वह इन समस्याओं से बच सकता है. अब ऐसे में कम्प्यूटर डेस्क पर बैठने का सही तरीका क्या?इस बारे में जान लीजिए.झुके हुए कंधे, झुकी हुई गर्दन और घुमावदार रीढ़. ये सारे कम्यूटर डेस्क पर बैठने के गलत तरीके हैं. लंबे समय तक ऐसे बैठने से शरीर में दर्द हो सकता है, पोश्चर बिगड़ सकता है, रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है, डिप्रेशन हो सकता है, मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है.इन समस्याओं से बचने के लिएसही पोश्चर से बैठना चाहिए औरकम्प्यूटर पर सही तरीके से बैठने के लिए डेस्क और कुर्सी की ऊंचाई पर ध्यान देना चाहिए.कम्यूटर डेस्क पर बैठते समय ध्यान दें किकुर्सी की ऊंचाई इतनी हो कि आपके पैर फर्श से स्पर्श करें और घुटने के पीछे की ओर 90 डिग्री का एंगल बन सके. हिप्स को हमेशा कुर्सी केपीछे चिपकाकर रखें. गर्दन हमेशा रीढ़ की हड्डी की सीध में होना चाहिए ताकि स्क्रीन देखने के लिए गर्दन नीचे ना झुकानीपढ़े. स्क्रीन यदि आंख के 1-2 इंच ऊपर रहेगी तो वो भी सही रहेगा. हमेशा कम्प्यूटर स्क्रीन से कम से कम 20 इंच दूर बैठें. कंधों को आराम की स्थिति में रखें न कि उन्हें आगे या पीछे झुकाकर रखें.एक्सपर्ट के मुताबिक, कभी भी 30 मिनट से अधिक देरी तक कम्यूटर स्क्रीन के सामने नहीं बैठना चाहिए और हर30 मिनट के बाद कुछ देर के लिए स्क्रीन के सामने से उठना चाहिए. ऐसे में मसल्स और टेंडन में जकड़न नहीं आएगी और थकान भी नहीं होगी. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहेगा जो अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है.कम्प्यूटर पर काम करते समय हमेशा सही और कंफर्टेबल कुर्सी पर बैठना जरूरी होता है. कुर्सी हमेशा कंफर्टेबल, सपोर्टिव, एडजस्टेबल होना चाहिए. कुर्सी में हमेशा बैकरेस्ट (बैक सपोर्ट) होना चाहिए जो अपर और लोअर बैक को सपोर्ट देता है. इस सपोर्ट से रीढ़ की हड्डी कर्व में रहती है. इसके लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई कुर्सियां खरीदें, जो विशेष रूप से डेस्क सिटिंग के लिए बनाई जाती हैं.कुर्सी में हमेशा उसकी ऊंचाई, आर्मरिस्ट की ऊंचाई और बैकरेस्ट को एडजस्ट करने वाले फंक्शन होने चाहिए. कुर्सी में सिर हेडरेस्ट (सिर को सपोर्ट देने वाला हिस्सा) होना चाहिए. इसके साथ ही कुर्सी में कंफर्टेबल पेडिंग होना चाहिए, ताकि बैठते समय कंफर्टेबल रहें.कुछ देर बैठने के बाद लोअर बैक, शोल्डर, कंधे आदि में अकड़न हो जाती है. इसलिए कम्यूटर डेस्क पर बैठकर भी कुछ एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग कर सकते हैं. ऐसा करने से थकावट महसूस नहीं होगी और मसल्स में अकड़न नहीं होगी. माउस की गलत स्थिति में बैठने के पोश्चर को बदल सकती है. अगर अधिक देर तक माउस की स्थिति गलत रहती है तो यह आपको आगे झकने या फिर हाथों को दूर तक ले जाने के लिए मजबूर करेगीइसलिएमाउस को अधिक दूर न रखें बल्कि कीबोर्ड के पास ही रखें. टाइप करते या अपने माउस का उपयोग करते समय अपनी कलाइयों को सीधा रखें, हाथों को अपने शरीर के पास रखें और अपने हाथों को अपनी कोहनी के लेवल से हल्का सा नीचे रखें. माउस का कम उपयोग करने के लिए कीबोर्ड की शॉर्टकट का उपयोग करें.